प्रदेश में प्रस्तावित भारतमाला परियोजना के विरुद्ध किसानाें ने बागोड़ा में प्रदेश स्तरीय महापड़ाव डाला

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रदेश से निकलने वाली भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेस-वे के विरोध में शुक्रवार को बागोड़ा के दादाल सरहद में महापड़ाव डालकर किसानों ने सर्वे को दोबारा करवाते हुए इसको नेशनल हाईवे के ऊपर से निकालने समेत कई मांगें रखी। महापड़ाव के दौरान प्रदेशभर से पहुंचे किसान प्रतिनिधियों ने महापड़ाव का नाम किसान बाग दिया। यहां कई किसानों नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान किसी भी हालात में अपनी कीमती जमीन फूटी कौडिय़ों के भाव सरकार को हाईवे निकालने के लिए नहीं देगी। अगर सरकार चाहती ताे पूर्व में निकले नेशनल हाईवे के ऊपर से इस हाईवे को निकाला जा सकता है।



 इस दौरान भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने संबोधित करते हुए चेतावनी दी है कि अगर आगामी 24 घंटे तक किसानों की मांग पर सरकार से सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो यह किसान बाग आंदोलन को एक नया मोड़ देगा। इस दौरान आखिल संघर्ष समिति अध्यक्ष छोगाराम तरड़, पांचू प्रधान भंवरलाल गोरसिया, नोगरदेसर सरपंच रामनिवासी कुकणा, पांचू सरपंच जेठाराम गोदारा, ओखराम चारण, कल्लाराम चौधरी, राणाराम बिश्रोई, ईशराराम गोदारा, कूपाराम चौधरी, भाखराराम चौरा, मकाराम चौधरी, गोविंददास बाड़मेर, विक्रमसिंह पुनासा, बद्रीदान चारण, मोडाराम देवासी, हरिराम विश्नाेई समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।



कई जिलों के किसानों का समर्थन
भारतमाला परियोजना के विरोध में जिला स्तरीय धरना पिछले 85 दिनों से बागोड़ा तहसील मुख्यालय के आगे चल रहा था। मांगें नहीं मानी जाने पर किसानों ने महापड़ाव डाला। महापड़ाव को लेकर शुक्रवार सुबह से ही किसानों ने पहुंचना शुरू कर दिया। महिलाएं राजस्थानी लोक गीत गाते हुए धरना स्थल पर पहुंची जबकि पुरुष किसान ढोल नगाड़ाें को बजाते हुए महापड़ाव में पहुंचे। जालोर सहित श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर व बाड़मेर के किसानों ने पहुंचकर महापड़ाव काे समर्थन दिया।


किसान नेता बोले हमारी सरकार से बात करवाओ
मांगाें पर लंबे समय से काेई सकारात्मक परिणाम नहीं आने पर शुक्रवार को महापड़ाव में किसानों में आक्रोश रहा। धरने को संबोधित करते हुए भारत भूमि बचाओ संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश दलाल ने कहा कि किसी भी हालत में हमारी समस्याओं का समाधान हो। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर का नाम लेते हुए कहा कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप हमारे एवं राज्य सरकार के बीच एक पोस्टमैन का काम करें। आपके हाथ में बाकी कुछ नहीं हैं लेकिन आप हमारी बात को राज्य सरकार तक पहुंचा दें एवं शनिवार दोपहर 1 बजे तक राज्य सरकार ने क्या तय किया है, इसका हमें जबाव दें। नहीं तो हम शनिवार को कड़ा कदम उठाएंगे।


भारतमाला परियोजना दो हाईवे प्रदेश से निकलेगी
किसानों की मांग है कि भारतमाला परियोजना के तहत दो एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हुए हैं। एक 754 के हैं जो पंजाब से गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर होते हुए गुजरात के जामनगर तक जा रहा है। वहीं, दूसरा 148 एन है, जो दिल्ली से प्रदेश के दौसा होते हुए मध्यप्रदेश के रतलाम से मुंबई तक जाता है। इन दोनों एक्सप्रेस वे में 32 हजार 782 किसानों की जमीन जा रही है। इन किसानों को बाजार दर से जमीन की कीमत देने की मांग की जा रही है।


किसानों ने ये रखी 2 मुख्य मांगें
जालोर व बाड़मेर में जहां अनार के बाग लगे हैं, जो किसानों ने लाखों रुपए खर्च कर तैयार किए हैं, उन्हें बचाने के लिए एक्सप्रेस-वे को हाईवे 68 पर निकाला लाए।
परियाेजना में आ रहे प्रदेश के बाकी जिलाें में सरकार किसानाें काे बहुत कम मुआवजा राशि दे रही हैं। अगर सरकार को जमीन खरीदनी है, तो उसका मुआवजा बाजार की दर पर दिया जाए।